कोरोना से लेकर अन्नदाताओं के विरोध के लिये याद किया जाएगा यह साल
On
अजित पाठक
बलिया। कोरोना संकट के बीच साल 2020 कुछ ही देर का मेहमान है। चार घंटे बाद घड़ी की दोनों सुइयां जैसे ही संपाती होंगी एक मनहूस और चुनौती पूर्ण वर्ष का अंत हो जाएगा। भले ही कलेंडर बदल जाये लेकिन लोंगों की जेहन में कैद इसकी यादें हमेशा नसों को ठंडा करती रहेगी। बहरहाल एक अदृश्य वायरस के संकट से जूझते देशवासियों को नए साल से काफी उम्मीदें हैं। लोगबाग भगवान से ये प्रार्थना कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसा दिन न देखना पड़े। बेशक यह साल आम से लेकर खास के लिए काफी परेशानी पैदा करने वाला रहा हो लेकिन इस दरम्यान केंद्र सरकार ने कई अहम फैसले भी लिए। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जहां मोदी सरकार ने लॉकडाउन जैसे कड़े फैसले लिए तो वहीं आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए भी कारगर कदम उठाया। यही नहीं लॉकडाउन के दौरान सब कुछ गंवा चुके गरीबों की भी चिंता की और मुफ्त राशन उपलब्ध कराए। साल 2020 की कुछ चुनौतीयों व फैसले को सदा याद रखा जाएगा। इसमें से कुछ पर नजर दौड़ाना लाजिमी है।
लॉकडाउन
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए 19 मार्च को रात 8 बजे जैसे ही पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में तीन सप्ताह के लॉकडाउन का फैसला सुनाया सब कुछ ठप सा हो गया। इसके बाद लॉकडाउन-2, लॉकडाउन- 3 और लॉकडाउन-4 की घोषणा की जाती रही। बेशक इस दौरान लोगों ने काफी जलालतें झेली पर संक्रमण को रोकने के लिए शायद यह बेहतर उपाय था।
मुफ्त राशन योजना
कोरोना संकट के बीच तपती दोपहरी में सैकड़ो मील का सफर तय कर घर पहुंचे कामगारों व जरूरतमंदों को गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन की व्यवस्था कर बेहतरीन कार्य किया। जिसे कमजोर तबका दिल से स्वीकार भी कर रहा है।
पीएम केयर फंड
कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम केयर फंड का गठन किया। जिसमें देश के जाने माने उद्योगपतियों से लगायत आमजन ने दिल खोल कर दान दिए। हालांकि फंड को लेकर सवाल भी उठाए गए पर सरकार फंड का इस्तेमाल महामारी से लड़ने में करने का भरोसा दिलाती रही। लेकिन आम आदमी से लेकर राजनीतिक दल तक इस फंड का ऑडिट न कराने को लेकर आज भी सवालिया निशान लगाते हैं।
कृषि विधेयक
यह साल सबसे बड़े किसान विरोध/प्रदर्शन के लिए भी याद रखा जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानून के विरोध का क्रम पिछले एक माह से बदस्तूर है। पंजाब व हरियाणा के लाखों किसान जहां सड़क को अपना आशियाना बना चुके हैं वहीं आंदोलन की तपिश अन्य प्रदेशों में भी महसूस की जा रही है। बेशक सरकार और प्रधानमंत्री किसानों को समझाने के प्रयासों में जुटे हैं मगर अभी तक इसका कोई सुखद परिणाम नहीं निकल पाया है।
20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान
लॉकडाउन के चलते बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मोदी सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। तर्क दिया गया कि इससे जहां आर्थिक विकास की रफ्तार तेज होगी वहीं लोंगों को आत्मनिर्भर बनाना सरल होगा।
इसके अलावा किसानों, गरीबों व संकट में फंसे छोटे उद्यमियों तथा कुटीर उद्योगों को बचाने का दावा किया गया पर अभी तक इसका पूरा प्रभाव देखने को नहीं मिल पाया है।
बहरहाल उम्मीद करता हूं कि देशवासी गुजरते साल की यादों को भुलाकर आने वाले वर्ष में प्रगति की नई इबारत लिखने का काम करेंगे। इसी भरोसे के साथ आप सबको नए वर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएं और शुभेच्छा।
Tags: Ballia News
Related Posts
Post Comments
Latest News
बेसिक शिक्षा मंत्री के हाथों सम्मानित हुए बलिया के शिक्षक सुशील कुमार, खुशी की लहर
14 Dec 2024 22:05:33
Ballia News : उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से उत्कृष्ट योगदान देने वाले 75 प्रधानाध्यापकों के साथ ही...
Comments