अखिलेश की मेहनत लाई रंग, तीन माह बाद सात समंदर पार से बलिया पहुंच रहा युवक का शव
On
बलिया। सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के गांव बसारिकपुर निवासी सुभाष चंद्रा चौहान (46) का शव तीन महीने बाद सात समंदर पार से गांव आ रहा है। अपने वतन से बाहर रहकर मजदूरी करने वाले सुभाष चंद्रा का पार्थिव जब अपने माटी को छुएगा, तब उसकी आत्मा शांति से अभिभूत हो उठेगी। यह आसन नहीं था। अरब देशों के कानून और मानवीय संवेदना से इतर व्यवहार के कारण जिंदा लोगों की खोज सहज नहीं होती, तब चौहान के मृत शरीर को वापस भारत लाना बहुत कठिन था। मृत्यु के करीब तीन दिन बाद घर वालों को पता चला, पर घर वालों को यह ज्ञात नहीं था कि किस प्रक्रिया के तहत मृत शरीर को वापस लाया जाय। इसको लेकर पूरा परिवार परेशान था, तभी दिल्ली में रहने वाले जिले के रामगढ़ गांव निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अखिलेश चौहान ने न सिर्फ इस परिवार का दर्द समझा, बल्कि सऊदी से शव मंगाने की जिम्मेदारी भी ले ली।
दिल्ली से ही सामाजिक कार्यकर्ता अखिलेश चौहान ने बलिया डीएम से इस आशय का निवेदन किया। जिलाधिकारी कार्यालय से पहचान होने के बाद अखिलेश चौहान ने विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी से संपर्क साधा। इस आशय के सभी दस्तावेज राजनीतिक दूतावास रियाद और उसके बाद वाणिज्य दूतावास इददाह से संपर्क कर मृत शरीर को भारत तक पहुंचाने का दबाव बनाया। अखिलेश को सफलता भी मिली और तीन अक्टूबर को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल तीन पर सुभाष चंद्रा का मृत शरीर पहुंचेगा। वहां से सड़क के रास्ते बलिया उनके पैतृक गांव आयेगा। इसका सभी खर्च भारत सरकार उठा रही हैं। सुभाष चंद्रा के पैतृक गांव बसारिकपुर में सामाजिक कार्यकर्ता अखिलेश चौहान की पहल की सराहना हो रही है। क्योंकि अखिलेश चौहान ने अपने स्तर से रियाद और भारत दूतावास से सामंजस्य स्थापित कर इस कठिन काम को सफल बनाया है।
बदलते समय में भारत की साख दुनियां में बढ़ी है। भारत में कार्य करने का तरीका भी बदला है। सुभाष चंद्रा चौहान के पार्थिव शरीर का भारत आना स्वयं में इसका प्रमाण है।
अखिलेश चौहान
सामाजिक कार्यकर्ता, दिल्ली
Tags: Ballia News
Related Posts
Post Comments
Latest News
छत पर कपड़े सुखाने गई भाभी को देख बिगड़ी देवर की नीयत, फिर...
11 Dec 2024 15:59:23
लखनऊ : मकान की छत पर कपड़े सुखाने गई भाभी के साथ देवर ने छेड़छाड़ की। पीड़िता के विरोध करने...
Comments