बलिया : उपेन्द्र बोले 'चंद्रशेखर को पाकर फक्र महसूस की थी प्रधानमंत्री की कुर्सी'
बलिया। बहुत कम समय के लिए भारत के प्रधानमंत्री रहे हिमालय सा अटल निर्णय लेने वाले, विराट व्यक्तित्व युवा तुर्क चंद्रशेखर जी सत्ता की राजनीति के मुखर विरोधी थे। वे लोकतांत्रिक मूल्यों व सामाजिक परिवर्तन के प्रति प्रतिबद्धता की राजनीति को महत्व देते थे। युवा तुर्क के गौरवपूर्ण संस्मरणों और उनके विचारों को समाज में प्रसारित करने को अपना कर्तव्य समझकर उनकी जयंती पर राष्ट्रनायक चन्द्रशेखर मैराथन समिति के तत्वावधान में शनिवार को संक्षिप्त श्रद्धांजलि सभा का आयोजन सांसद नीरज शेखर के आवास 'झोपड़ी पर किया गया।
कोरोना त्रासदी की वजह से संक्षिप्त कार्यक्रम में युवा तुर्क की 94वीं जयंती पर समिति के सदस्यो ने श्रद्धां सुमन अर्पित किया। सचिव उपेन्द्र सिंह ने कहा कि चन्द्रशेखर जी का संदेश भावी पीढी के लिये हमेशा प्रेरणादायी रहेगा। चंद्रशेखर जी ने कहा है 'सामाजिक उन्माद, साम्प्र्दायवाद व जातिवाद फैलाकर सरकारे तो बनायी जा सकती है, लेकिन राष्ट्र नहीं बनाया जा सकता है।' कहा कि वे बेबाक टिप्पणी के धनी थे। कद तो इतना बड़ा कि प्रधानमंत्री की कुर्सी भी 10 नवंबर 1990 को फक्र महसूस की।
संस्मरण तो इतने शानदार कि नयी पीढी के लिये प्रेरणादायी। चन्द्रशेखर जी हमेशा मूल्यों की राजनीति करते थे। संबंधों को तो इतना तरजीह तो शायद ही कोई इतना बड़ा नेता देता हो। चन्द्रशेखर जी गांव की बसवारी, गड़ही, पगडंडी की बात सदन में करके अंतिम व्यक्ति के दिलो पर राज किया करते थे। भारत यात्रा (कन्याकुमारी से लेकर राजघाट दिल्ली) करने वाले युवा तुर्क को याद करते हुए किसान नेता संतोष सिंह, धर्मवीर सिंह, भोला सिंह, सुधीर सिंह, प्रदीप यादव, मनोज शर्मा, कृष्णानंद राय, गुड्डु राय, गोलू सिंह, शशिकांत ओझा, बलवीर सिंह, धर्मेंद्र सिंह, उमेश सिंह, अनिल सिंह सेंगर, अमित गिरि, मनीष सिंह बृजेश सिंह, जितेन्द्र सिंह, अजय मिश्रा, राजेश सिंह, अजय सिंह, चन्दन सिंह, शक्ति सिंह, रणजीत सिंह, रवि सिंह, रवि यादव, सचिन सिंह, नीरज राय, पवन राय, अजीत सिंह, रूस्तम अली, इफ्तेखार खान, अशोक यादव, जहीर आलम, डा राकेश सिंह, मुकेश सिंह, नीरज सिंह, डा कमलदेव सिंह, अनुराग श्रीवास्तव, राजीव सिंह, अमित सिंह, कमलेश सिंह, सेतनाथ सिंह, यशजीत सिंह, सरदार अफजल, इरफान, उदय सिंह, अंशु सिंह, संजय सिंह आदि समिति के सदस्यो ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
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