बलिया के दिव्यांगों ने जाना अपना अधिकार और...
बलिया। जनपद न्यायधीश सैयद आफताब हुसैन रिजवी के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दिव्यांग दिवस के अवसर पर गुरुवार को विकास भवन सभागार में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं प्राधिकरण की सचिव ऋचा वर्मा ने जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए दिव्यांगों को उनके अधिकार के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही अन्य दिव्यांग जनों को भी जागरूक होने के प्रति प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी दिव्यांगता को सहर्ष स्वीकार करना है। विज्ञान के स्तर से देखा जाए तो अगर शरीर का एक भाग अगर काम नहीं करता है तो उसकी अपेक्षा दूसरा भाग सामान्य से ज्यादा मजबूती से काम करता है। लेकिन प्रायः हम ऐसा नहीं सोचते। अपनी सोच बदलते हुए इसको समझें और दिव्यांगता को सहर्ष स्वीकार कर जीवन स्तर में सुधार के लिए प्रयासरत रहें। केंद्र व राज्य सरकार की ओर से संचालित योजनाओं का लाभ लें। उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन ही इसीलिए हुआ है जो आर्थिक, सामाजिक या शारीरिक रूप से सम्पन्न नहीं होने की वजह से न्याय पाने से वंचित रह गए हों। किसी भी दिव्यांग जन को कोई दिक्कत हो तो कचहरी में प्राधिकरण का कार्यालय है, वहां आकर अपनी समस्या बताएं। उसके त्वरित निराकरण का प्रयास होगा।
कार्यक्रम में सीडीओ विपिन जैन ने कहा कि दिव्यंगता को कोई दुःख नहीं बल्कि संघर्ष कहा जा सकता है, जो हर एक व्यक्ति के जीवन में है। दिव्यांगता को सहर्ष स्वीकार करना चाहिए। मन से मजबूत होकर खुद को किसी भी ऊंचाई तक ले जाया जा सकता है। इसके कई सारे उदाहरण देखे जा सकते हैं। आगे कहा कि सरकार ने तमाम योजनाएं दिव्यांग भाई-बहनों के लिए शुरू की है। इसका लाभ लें। हर जरूरी पपत्र बनवाने के लिए ब्लॉक स्तर पर शिविर लगाने पर भी जोर दिया। प्रभारी दिव्यांग जनसशक्तिकरण अधिकारी राजीव यादव ने सबके प्रति आभार जताया। कार्यक्रम के बाद प्राधिकरण की सचिव व सीडीओ ने 21 दिव्यांगों को ट्राईसाईकल का वितरण किया।
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