बलिया में फ्लड ही नहीं, सेफ जोन में भी आफत ; किसानों ने सीएम को भेजा पत्र
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बैरिया, बलिया। बीएसटी तट बन्ध, बैरिया-बलिया तट बन्ध, श्रीनगर तुर्तीपार तट बन्ध के बाहर बसे तीन दर्जन से अधिक गांवों की एक लाख से अधिक आबादी को गंगा व सरयू नदी के बाढ़ से भारी नुकसान उठाना पड़ा है। बन्धे के बाहर बोई गई खरीफ की फसल इन दोनों नदियों की बाढ़ के चलते पूरी तरह तबाह हो चुकी है। वही बन्धे के भीतर बसे दो दर्जन से अधिक गांव तरसोत (सीपेज) के पानी से घिर गए है। दर्जन भर से अधिक सड़कें सीपेज के पानी मे डूब गई है।लोग जान जोखिम में डालकर पानी में पैदल चलकर (हेलकर) अपनी जरूरतों को पूरा करने में लगे हुए है। दो हजार एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में बोई गई मक्का, धान सहित अन्य खरीफ की फसलें पानी में डूबकर नष्ट हो गयी है। ग्रामीणों की माने तो शासन प्रशासन का कोई प्रतिनिधि उनका हाल जानने या नुकसान का जायजा लेने किसी भी गांव में नहीं पहुंचा है।
उल्लेखनीय है कि रेवती, छेड़ी मार्ग, छेड़ी चौबे छपरा मार्ग, कोलनाला श्रीनगर मार्ग, कोलनाला-भाखड़ झड़कटहा मार्ग, श्रीनगर तट बन्ध नरायनगढ़ मार्ग, इब्राहिमाबाद नवकाटोला-सीवनटोला मार्ग सहित एक दर्जन से अधिक सड़कों पर दो से चार फीट गहराई में पानी बह रहा है। ग्रामीण जान जोखिम में डालकर घुटने भर या कमर भर पानी में चलकर अपनी जरूरतों को पूरा कर रहा है। एक करोड़ रुपये से अधिक की फसल बर्बाद हो गयी है। मायूस किसान किसके यहां जाकर फरियाद करे, उनके समझ में नही आ रहा है।
श्रीनगर के जागरूक किसान रामाशंकर सिंह ने श्रीनगर-तुरतीपार तट बन्ध पर देवपुर में बने रेगुलेटर पर पम्प लगवाकर बन्धे के भीतर लगे पानी को बाहर करवाने के लिए मुख्यमंत्री को सैकड़ों किसानों का हस्ताक्षर युक्त पत्र भेजा है। इसी गांव के विजय पटेल, चन्द्रकिशोर सिंह, विजय यादव, जनार्दन वर्मा सहित आधा दर्जन किसानों का कहना है कि जलजमाव से फसल तो नष्ट हो ही गयी, अब मच्छरों का प्रकोप व जंगली जीव जंतुओं के चलते हम लोग काफी परेशान है।
श्रीकांतपुर के अमरजीत गुप्त,अ निल सिंह आदि ने आग्रह किया है कि जिन मार्गो पर तीन से चार फीट तक पानी जमा हुआ है, उन मार्गो पर बालू से भरी बोरिया स्थानीय प्रशासन रखवा दे, ताकि आने जाने में लोगों को कम असुविधा हो सके। जिन गांवों के हजारों एकड़ क्षेत्रफल में खड़ी खरीफ की फसल सीपेज के पानी से नष्ट हुई है, उसमें धतुरीटोला, लक्ष्मणछपरा, नवकाटोला, टोला नेकाराय, इब्राहिमाबाद, श्रीकांतपुर, श्रीनगर, नवकागांव, दलपतपुर, देवपुर मठिया, झरकटहा, भाखड़, छेड़ी, चौबेछपरा सहित डेढ़ दर्जन गांव ऐसे है जहां के कुल बोई गई फसल के 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा सीपेज के पानी मे डूबकर पूरी तरह नष्ट हो चुकी है।
सहायता दिलवाने का प्रयास करूंगा : विधायक
विधायक सुरेन्द्र सिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि मैं बाहर हूं। आकर इस संदर्भ में अधिकारियों से बात करूंगा, जो भी उचित होगा, वह सहायता दिलवाने का प्रयास करूंगा।
जल्द होगा नुकसान का सर्वे : एसडीएम
बैरिया के उपजिलाधिकारी अभय कुमार सिंह ने बताया कि जल्द ही नुकसान का सर्वे कराऊंगा। जहां 33 प्रतिशत से अधिक फसलें नष्ट हुई है, वहा के किसानों को नियमानुसार लाभ दिलवाने का प्रयास करूंगा।
शिवदयाल पांडेय 'मनन'
Tags: Ballia News
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