रेलवे की समय-सारिणी पर कोरोना का असर, टूटा 85 साल का रिकार्ड

रेलवे की समय-सारिणी पर कोरोना का असर, टूटा 85 साल का रिकार्ड


बैरिया, बलिया। भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार टाइम टेबल नहीं छपा है, जिससे पिछले 85 वर्षों की परंपरा टूटी है। जानकारों का कहना है कि पहली बार 1934 में रेलवे ने टाइम टेबल प्रकाशित किया था। तब से यह परम्परा बदस्तूर जारी थी। पहले यह टाइम टेबल जुलाई के पहले सप्ताह में छपता था, क्योंकि जुलाई से ही नए टाइम टेबल से रेल गाड़ियों का परिचालन शुरू होता था। कोरोना के चलते एक साल से नियमित ट्रेनों का आवागमन सरकार ने बन्द कर दिया है। फलस्वरूप जुलाई 2020 तो कब का बीत चुका है। मार्च 2021 में भी टाइम टेबल नहीं छपा। रेलगाड़ियों का नियमित परिचालन कब शुरू होगा, यह तो भविष्य के गर्भ में है। हालांकि कुछ स्पेशल ट्रेनों का परिचालन हो रहा है, किंतु रेलवे के टिकट में सम्बंधित ट्रेन के आगमन व प्रस्थान का समय नही लिखा होता है, जिससे यात्रियों को असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है। यही नहीं कोरोना स्पेशल ट्रेनों के नाम पर यात्रियों से उपभोग चार्ज सहित कई तरह के सरचार्ज भी वसूला जा रहा है। इससे यात्रियों को डेढ़ गुना पैसा अदा करना पड़ रहा है। ट्रेन यात्रियों पर कई तरह की बंदिशें लगाई गई है। ऐसे में लोग क्या करें, उनके समझ मेें नही आ रहा है। टाइम टेबल प्रकाशित नही के संदर्भ में पूछने पर जनसम्पर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि ट्रेन ही नहीं चल रही है तो टाइम टेबल छापने का क्या औचित्य है। नियमित ट्रेनों का परिचालन शुरू होगा तो टाइम टेबल तत्काल प्रकाशित कर दिए जाएंगे।

शिवदयाल पांडेय 'मनन'

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