बलिया : सचिवों और प्रशासकों ने उठाया 'मौका' का लुफ्त, प्रधान ही नहीं कुछ प्रधानाध्यापक भी हैरान

बलिया : सचिवों और प्रशासकों ने उठाया 'मौका' का लुफ्त, प्रधान ही नहीं कुछ प्रधानाध्यापक भी हैरान


बलिया। कुछ ग्राम पंचायत सचिवों के लिए कोरोना काल आपदा में अवसर जैसा रहा। यह सच्चाई धीरे-धीरे सामने आने लगी है। कुछ नवनिर्वाचित प्रधानों ने तो इसकी पूरी 'कुंडली' तैयार कर उच्चाधिकारियों से शिकायत भी की है। इसके मुताबिक, यह कहने में तनिक भी गुरेज नहीं कि यदि ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने और  नया कार्यकाल शुरु होने से पहले तक हुए कार्यो का भौतिक सत्यापन करा दिया जाय तो बहुत बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। 
गौरतलब हो कि ग्राम प्रधानों का कार्यकाल 25 दिसंबर 2020 को समाप्त हुआ था।कार्यकाल समाप्त होने के बाद ई-ग्राम स्वराज के पोर्टल से ग्राम प्रधानों के डिजिटल हस्ताक्षर हटा दिए गये। सहायक विकास अधिकारियों (एडीओ) को प्रशासक बनाया गया। ग्राम पंचायतों में प्रशासक तय हो गए, जो ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों के साथ 25 दिसंबर से खातों का संचालन करने लगे। इसी बीच कोरोना की दूसरी लहर में सभी लोग परेशान हो उठे। सरकार की ओर से गांवाें में सैनिटाइजेशन कराने का फरमान जारी हुआ। सूत्रों की मानें तो यह फरमान पंचायत सचिवों के लिए आपदा में अवसर तलाशने जैसा रहा। अधिकांश पंचायतों में सचिव कागज में ही सैनिटाइजेशन का कार्य दिखा कर लाखों रुपये का खेल कर लिए। मामले की गांवों में जाकर जांच हो तो कई सचिवों की गर्दन फंस सकती है। ग्रामीणों का कहना है कि कही भी गांव में न तो सैनिटाइजेशन का कार्य हुआ और न ही साफ-सफाई ही कराया गया।कही सैनिटाइजेशन भी हुआ तो सिर्फ फोटोसेशन के लिए। 

आपरेशन कायाकल्प के नाम पर भी गोलगोल

आपरेशन कायाकल्प योजना के तहत सरकारी विद्यालयों को संसाधन उपलब्ध कराने व उनके सुंदरीकरण के नाम पर भी जमकर भ्रष्टाचार की बात सामने आ रही है। स्कूलों को संतृप्त करने के लिए टायलीकरण, सबमर्सिबल, टेबल-बेंच समेत तमाम कार्यो में अनियमितता बरती गई है। एक नवनिर्वाचित प्रधान की माने तो सामानों की खरीद में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया। उन्होंने इसके लिए ग्राम पंचायतों में नियुक्त प्रशासकों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। दावा किया कि पुराने हैंडपम्पों के सहारे सबमर्सिबल चालू कर, नई बोरिंग के नाम पर भुगतान किया गया है। टायलीकरण का काम आधा अधूरा छोड़ दिया गया है। टायल्स में मानक की बात करना बेमानी जैसा हैै। यही हाल टेबल-बेंच का भी है। यानी विद्यालयों के कायाकल्प के नाम पर धन की बंदरबांट की गई है। घटिया किस्म के सामान की खरीदारी कर उन्हें महंगा दिखाया है। कुछ विद्यालयों के प्रधानाध्यापक कायाकल्प के नाम पर खर्च की धनराशि सुनकर हैरान हैं। 

Post Comments

Comments

Latest News

Big Breaking : यूपी में 29 शिक्षा अधिकारियों के तबादले, 13 जिलों को मिले DIOS, तीन BSA भी... Big Breaking : यूपी में 29 शिक्षा अधिकारियों के तबादले, 13 जिलों को मिले DIOS, तीन BSA भी...
लखनऊ : यूपी शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर तबादले की खबर सामनेआई है। 29 शिक्षा अधिकारियों के तबादले किए...
बलिया में खेत जुताई के दौरान दो पक्ष आया आमने-सामने, जमकर हुआ बवाल
बलिया पुलिस को मिली सफलता, संगीन धाराओं में वांछित युवक गिरफ्तार
बलिया Cyber पुलिस को मिली सबसे बड़ी उपलब्धि, वापस दिलवाए साइबर ठगी के 18.76 लाख रुपए
छत पर कपड़े सुखाने गई भाभी को देख बिगड़ी देवर की नीयत, फिर...
बलिया में 17 दिसम्बर को पेंशन दिवस, इनकी प्रतिभागिता जरूरी
बलिया में पति को कंगाल कर प्रेमी संग भागी पत्नी, परदेशी 'पियवा' पहुंचा थाने