नई दिल्ली। भारतीय भाषाओं के पक्षधर, हिंदी के चर्चित पत्रकार, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की हिंदी सर्विस भाषा के संस्थापक संपादक डॉ. वेदप्रताप वैदिक नहीं रहे। हिंदी के लिए ताजिंदगी संघर्ष करने वाले वरिष्ठ पत्रकार करीब 78 साल के थे।
बताया जा रहा है कि मंगलवार की सुबह वे नहाने गए थे, लेकिन काफी देर तक बाहर नहीं आए। करीब साढ़े नौ बजे परिवार के लोगों ने दरवाजा तोड़ा, तब वे अंदर बेसुध मिले। उन्हें घर के पास स्थित प्रतीक्षा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।डॉ. वैदिक ने पत्रकारिता, राजनीतिक चिंतन, अंतरराष्ट्रीय राजनीति और हिंदी के क्षेत्र में लंबे समय तक काम किया है। अंग्रेजी पत्रकारिता के मुकाबले हिन्दी में बेहतर पत्रकारिता का युग आरम्भ करने वालों में डॉ. वैदिक का नाम अग्रणी है। उन्होंने सन् 1958 से ही पत्रकारिता प्रारम्भ कर दी थी
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