बलिया। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन कार्य बहिष्कार का निर्णय शिक्षक संगठनों ने लिया हे। शिक्षक संगठनों ने श्री मुरली मनोहर टाउन इंटर कॉलेज बलिया में बैठक कर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक समन्वय समिति भी गठित की है। समिति में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चेत नारायण गुट ) के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह, जिला मंत्री रामविलास सिंह यादव, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडे गुट) के जिलाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह तथा जिला मंत्री सुधीर कुमार पांडे एवं वित्तविहीन शिक्षक संघ (लाल बिहारी गुट) के जिलाध्यक्ष रविंद्र कुमार सिंह, जिलामंत्री कन्हैया तिवारी शामिल है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक समन्वय समिति ने अपनी 7 सूत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, पुलिस अधीक्षक एवं जनपद के चारों मूल्यांकन केंद्रों के उप नियंत्रकों को सौंपा है।
बैठक में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चेत नारायण गुट) के कोषाध्यक्ष अयोध्या तिवारी, अनिल कुमार पांडे, डॉ नागेंद्र सिंह, भैया घनश्याम सिंह, अनिल कुमार, राजेंद्र सिंह, बृजेश कुमार सिंह ,राजेश कुमार सिंह, जावेद अख्तर तथा उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) के प्रदेशीय मंत्री दिनेश सिंह, अशोक कुमार सिंह, सुधीर कुमार पांडे तथा वित्तविहीन शिक्षक संघ (लाल बिहारी गुट) के लहरी सिंह, जिला मंत्री कन्हैया तिवारी सहित भारी संख्या में शिक्षक तथा अटेवा के जिलाध्यक्ष समीर कुमार पांडे उपस्थित थे।
इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के जिलाध्यक्ष बालेश्वर सिंह, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) के जिलाध्यक्ष कमलेश कुमार तिवारी, उत्तर प्रदेश राजकीय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, प्रधानाचार्य परिषद के जिलाध्यक्ष गिरिजेशदत्त शुक्ला, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षणेत्तर संघ के प्रदेश अध्यक्ष मुज्तबा हुसैन एवं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षणेत्तर संघ के जिलामंत्री संजय सिंह ने मूल्यांकन बहिष्कार को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की। अध्यक्षता उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष केपी सिंह तथा संचालन वित्तविहीन शिक्षक संघ (लाल बिहारी गुट) के जिलाध्यक्ष रविंद्र कुमार सिंह ने किया।
ये है उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक समन्वय समिति की सात सूत्रीय मांग
1-(क) देश के अन्य प्रदेशों की भांति पुरानी पेंशन बहाल की जाए।
(ख) एनपीएस धारक कार्यरत /सेवानिवृत्त शिक्षक/ शिक्षिकाओं के पीआरएएन खातों में पूर्ण राशि राज्यांश सहित दर्शाई जाए।
2-अद्यतन तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण हो और रुके हुए वेतन को तत्काल निर्गत किया जाए।
3-वित्तविहीन विद्यालयों की मान्यता की धारा 7 (4) के संशोधनों को वापस लिया जाए। पूर्व में सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुसार उनकी सेवा नियमावली एवं मानदेय घोषित किया जाए। मान्यताओं की शर्तें पूर्ववत की जाए।
4-सरकारी कर्मचारियों की भांति माध्यमिक शिक्षकों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
5-इंटरमीडिएट अधिनियम की धारा 21छ के अनुपालन में आमेलित विषय विशेषज्ञों हेतु मार्गदर्शी सिद्धांत जारी कराते हुए पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए।
6-उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एन0पी0एस0 की अधिसूचना 28/०3/ 2005 को जारी की गई थी अतः केंद्र के निर्णय के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार भी 28/03/2005 के पूर्व के विज्ञापनों द्वारा नियुक्त शिक्षक/ कर्मचारियों को एन०पी०एस० के स्थान पर ओपीएस का लाभ दें।
7-उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के समस्त कार्यों यथा परीक्षा मूल्यांकन एवं मूल्यांकन केंद्र सहित कार्य में जुड़े हुए सभी शिक्षकों /कर्मचारियों के कार्यों की दरों को सी०बी०एस०ई० के बराबर किया जाए एवं वर्ष 2018 से अब तक के सभी अवशेषों का शीघ्र भुगतान किया जाए।
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