रंगों के त्यौहार होली में खूब धूम-धड़ाका, नाच-गाने और एक दूसरे को रंग लगाकर जश्न मनाया जाता है। जश्न मनाना, रंग खेलना सब कुछ ठीक है, लेकिन इस दौरान त्वचा का ख्याल रखना भी उतना ही जरूरी है। रंगों में डूबने से पहले बलिया की त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. आब्रीन अंसारी से जान लीजिए कि त्वचा का ख्याल किस तरह रखा जाए, जिससे आपकी त्वचा खराब ना हो...
बलिया। स्कीन केयर क्लीनिक बलिया की निर्देश्क त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. आब्रीन अंसारी ने होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि होली में रंग खेले पर स्वास्थ्य को लेकर सजग भी रहे, क्योंकि मौसम बहुत शुष्क है। तापमान में बदलाव की वजह से त्वचा, आंख, श्वसन सम्बंधी एलर्जी की समस्या बढ़ जाती है। रंग के प्रभाव को कम करने के लिए पूरे शरीर पर अच्छा मॅश्चराइजर या सनस्क्रीन जरूर लगा लें। इसे लगाने से त्वचा पर एक सुरक्षा लेयर बन जाती है, इससे आपकी त्वचा को रंगों के हानिकारक प्रभाव से सुरक्षा मिलती है। एलर्जी वाले मरीज रंगों से बचे या फिर प्राकृतिक गुलाल का प्रयोग करें।
डॉ. आब्रीन अंसारी कहती है कि पहले लोग फलों के रंग और गुलाल बनाते थे। वे बिल्कुल शुद्ध थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। केमिकल युक्त रंगों और गुलाल से त्वचा ही नहीं नाखून और बाल भी प्रभावित होते हैं। बड़े नाखून रखने की स्थिति में केमिकल युक्त रंग अंदर घुसकर नाखून के नीचे की त्वचा को प्रभावित करता है। रंग से सिर की त्वचा और बाल में रूखापन सहित अन्य दिक्कतें होती हैं।
यदि रंग लग भी जाए तो अच्छे पानी से धोने के पश्चात पुनः मॅश्चराइजर लगाएं। इससे केमिकल का प्रभाव कम होता है। डॉ. आब्रीन अंसारी बताती है कि खाने-पीने के व्यंजनों के साथ सलाद और फल का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। पानी की मात्रा बढ़ायें। लस्सी, छाछ व नारीयल पानी का का सेवन करें। इससे स्किन हेल्दी बनी रहेगी, साथ ही हाइड्रेट भी रहेगी। होली मिलन खुले धूप में न करे। छाया वाली जगह चुनें। थोड़ी एहतियात बरतकर एलर्जी से बचा जा सकता है।
इन बातों का रखें ख्याल
-पौष्टिक तरल पेय नारियल पानी, नींबू पानी, जूस आदि का सेवन करें।
-गुब्बारे में भरे रंग को आंखों पर न मारे।
-आंखों में रंग न फेंके।
-होली खेलने से पहले त्वचा पर अच्छा मॅश्चराइजर लगाएं।
-त्वचा सम्बंधित समस्या पर खुद से इलाज न करें, डॉक्टर से परामर्श लें।
-केमिकल युक्त रंग और गुलाल के उपयोग से बचें।
0 Comments