बलिया/लखनऊ । Parth Tiwari Success Story : कहते हैं कई बच्चों में बचपन से ही प्रतिभा झलकती है और वे छोटी सी उम्र में ही कमाल कर दिखाते हैं। ऐसे लोगों की विलक्षण बुद्धि को गॉड गिफ्ट कहा जाता है। ऐसा ही कमाल दिखाने वाला एक और नाम पार्थ तिवारी के रूप में प्रकाश में आया है। मेहनत, लगन और पूर्ण मनोयोग के साथ की गई पढ़ाई के बल पर महज 18 साल की उम्र में पार्थ ने पहले प्रयास में ही भारतीय सैन्य सेवा की प्रतिष्ठित परीक्षा एनडीए उत्तीर्ण कर सेना में अधिकारी बनने का रास्ता साफ कर लिया है। पार्थ का प्रशिक्षण भी शुरू हो चुका है। शिक्षक पुत्र पार्थ तिवारी की इस बड़ी कामयाबी से हर कोई गौरवान्वित है।
शहर से सटे जीराबस्ती निवासी पार्थ के पिता राकेश तिवारी एजी ऑफिस में बतौर ऑडिटर कार्यरत हैं, जबकि माता शन्नो राय लखनऊ के एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका हैं। दो भाईयों में छोटा पार्थ शुरू से ही मेधावी रहा। प्राथमिक शिक्षा से लगायत इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई लखनऊ के सिटी मांटेसरी स्कूल (CMS) से करने के बाद पार्थ एनडीए की परीक्षा में बैठे। 10वीं 96.2% और 12वीं 97.26℅ अंकों से पास करने वाले पार्थ ने अपने पहले ही प्रयास में NDA में सफलता का परचम लहरा दिया। पार्थ ने बताया कि वह देश की सेवा करना चाहता है। कक्षा आठवीं पास करने के बाद से ही सेना में अधिकारी बनने की तमन्ना थी, लेकिन मेरे इस लक्ष्य से सभी अनभिज्ञ थे।
स्कूल में गोल्ड मेडल प्राप्त करते पार्थ तिवारीस्वीमिंग में नेशनल खेल चुके पार्थ ने 2021 में विधान सभा परेड में अपने स्कूल को लीड कर गोल्ड मेडल भी अपने नाम किया था। पार्थ ने बताया कि देश के लिए सेना में अधिकारी से लेकर किसी भी पद पर कार्य करना गर्व की बात है। प्रत्येक व्यक्ति की प्राथमिकताओं में देश सर्वप्रथम होना चाहिए। एनडीए की लिखित परीक्षा समेत एसएसबी में बेहतर प्रदर्शन के बाद परिणाम घोषित होते ही उसे बधाई देने वालों का तांता लग गया। पार्थ की मां शन्नो राय का कहना है कि पार्थ ने अपने नाम के अनुरूप लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित किया और पहले ही प्रयास में यह उच्च स्तरीय परीक्षा पास कर सबको गौरवान्वित कर दिया है। यह पल पूरे परिवार के लिए काफी यादगार है।
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