शिवदयाल पांडेय मनन
बैरिया, बलिया। भीषण ठंड की मार झेल रहे लोगों को निजात पाने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। बुधवार को दिन का अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 9 डिग्री सेल्सियस रहा। नगर क्षेत्र में बैरिया को छोड़कर तहसील क्षेत्र के किसी भी बाजार, रेलवे स्टेशन या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर तहसील प्रशासन द्वारा अलाव नहीं जलाने के कारण लोगों की परेशानी कुछ अधिक ही है। सामाजिक संस्थाएं, समाजसेवी तथा सम्पन्न लोग इस बार अन्य वर्षों की अपेक्षा गरीबों में कंबल वितरण नहीं कर रहे हैं।
बैरिया, बलिया। भीषण ठंड की मार झेल रहे लोगों को निजात पाने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। बुधवार को दिन का अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 9 डिग्री सेल्सियस रहा। नगर क्षेत्र में बैरिया को छोड़कर तहसील क्षेत्र के किसी भी बाजार, रेलवे स्टेशन या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर तहसील प्रशासन द्वारा अलाव नहीं जलाने के कारण लोगों की परेशानी कुछ अधिक ही है। सामाजिक संस्थाएं, समाजसेवी तथा सम्पन्न लोग इस बार अन्य वर्षों की अपेक्षा गरीबों में कंबल वितरण नहीं कर रहे हैं।
अमर नाथ पीजी कालेज दूबेछपरा के पूर्व प्रवक्ता व पर्यावरणविद डा. गणेश पाठक ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण साइबेरिया से चली ठंडी हवाओं के कारण यहां ठंड का प्रकोप बढ़ा है। दिसंबर में ठंड नहीं पड़ने के कारण ठंड का अधिक असर हुआ है। आगामी 16 जनवरी तक ठंड की यही स्थिति रहेगी। 16 जनवरी से बूंदाबांदी और बादलों के बाद मौसम साफ हो जायेगा।
ठंड में धीरे-धीरे कमी आएगी। बसंत पंचमी तक ठंड कम होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण हर मौसम आगे की तरफ बढ़ जा रहा है। ठंड नवंबर में आने की जगह दिसंबर के अंतिम सप्ताह में आया है। मानसून 15 जून की जगह अब जुलाई में आ रहा है। गर्मी की भी यही स्थिति है। जलवायु परिवर्तन के चलते यह सब हो रहा है। सब कुछ ठीक-ठाक रहे इसके लिए पर्यावरण संतुलन की आवश्यकता है।
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