लखनऊ। मनकामेश्वर मंदिर में भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक कौशलेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि अपने जीवन को नीति के हिसाब से चलाना चाहिए, जो व्यक्ति अपने जीवन को नीति के हिसाब से चलाता है उसके कुल में ध्रुव जैसे पुत्र जन्म लेते हैं। जिसके कुल में ध्रुव जैसे पुत्र ने जन्म लिया, शास्त्रों में ऐसा प्रमाण है कि वह इक्कीस कुल आगे और इक्कीस कुल पीछे के पूर्वजों को तार देते हैं। भागवत की कथा कराने के साथ-साथ उसको श्रवण करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। एक भागवत महापुराण ही ऐसा ग्रंथ है जो की मुक्ति के लिए गर्जना करता है। इसमें प्रमाण है। एकम् भागवतम् शास्त्रम् मुक्ति दानेन गर्जति एक ऐसा शास्त्र है, जिसको श्रवण करने मात्र से मुक्ति मिल जाती।
राजा परीक्षित को सात दिन में मृत्युदंड का श्राप मिला, जो कि सुखदेव भगवान द्वारा साप्ताहिक श्रीमद भागवत महापुराण की कथा श्रवण करने से उनको मुक्ति मिल गई। यह कथा जहां तक सुनाई देती है, वहां तक के जीव-जंतु सभी प्रकार के प्राणियों को पाप कर्मों से मुक्ति मिल जाती है। उस गांव की मिट्टी भी पवित्र हो जाती है। ज्योतिष सेवा केन्द्र ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री एवं महंथ राम उदय दास के संरक्षण में चल रही कथा में पंकज तिवारी, सूरज शुक्ला, हरिशंकर शुक्ला, पंकज दूबे, जगदीश यादव, नीरज तिवारी व जयचंद कुशवाहा आदि श्रोता मौजूद थे।
0 Comments