सिकंदरपुर, बलिया। गांवों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन का दूसरा चरण शुरू किया है। प्रथम फेज में अधिकतर ग्राम पंचायतों में व्यक्तिगत शौचालयों के साथ सामुदायिक शौचालयों का भी निर्माण पूरा होने के बाद सरकार का पूरा ध्यान ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर है। लिहाजा स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में इस कार्य को पूरा करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसके लिए तहसील क्षेत्र के नवानगर और पंदह ब्लॉक से कुल एक दर्जन गांवों का चयन किया गया है। इन गांवों पर 744.23 लाख रुपए खर्च कर पूरी तरह ठोस व तरह अपशिष्ट मुक्त बनाया जाएगा। शासन की ओर से उक्त धनराशि अवमुक्त भी की जा चुकी है। यही नहीं इन ग्राम पंचायतों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए प्रधान, सचिव व पंचायत सहायकों को मुख्यालय पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
एडीओ पंचायत नवानगर ने बताया कि ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए पांच हजार से अधिक आबादी वाले ग्राम पंचायतों को चुना गया है। यहां ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन पर 660 रुपये प्रति व्यक्ति और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 45 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से बजट खर्च किया जाएगा। जबकि छोटे गांवों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर 280 प्रति व्यक्ति और तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर 60 प्रति व्यक्ति के हिसाब से खर्च किया जाएगा।
यहां होगा इतना खर्च
ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए नवानगर और पंदह ब्लॉक से छह-छह गांवों का चयन किया गया है। जिनमें नवानगर ब्लॉक के कथौड़ा के लिए 35.03 लाख, कोथ 52.54 लाख, लीलकर 58.66 लाख, सिसोटार 112.71लाख, सिवानकला 46.08 लाख तथा डुहा बिहरा के लिए 49.13 लाख रुपए भेजा गया है। वहीं पंदह ब्लॉक क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत खेजूरी में 64.05 लाख, खडसरा में 49.64 लाख, पकड़ी में 57.10 लाख, पुर में 145.78 लाख, सहुलाई में 41.11 लाख व चड़वा बरवा में 32.35 लाख रुपए से अपविष्ट प्रबंधन कार्य कराया जायेगा।
इन कार्यों को करना होगा पूरा
अपशिष्ट प्रबंधन के लिए इन गांवों में व्यक्तिगत कंपोस्ट, सामुदायिक कंपोस्ट, प्लास्टिक बैंक, कचरा बैंक, व्यक्तिगत व सामुदायिक बायोगैस प्लांट, एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र, सामुदायिक व संस्थागत भस्मक निर्माण सहित स्वच्छता कीट, तालाबों का सौंदर्यीकरण, नाली निर्माण के अलावा स्टॉर्म वाटर निष्पादन कार्य कराया जायेगा। सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) नवानगर मनोज कुमार यादव ने बताया कि गांव को स्वच्छ बनाने हेतु सरकार द्वारा धन राशि प्राप्त कराई गई है। जिसके तहत तरल और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के साथ ही गांव में जल निकासी की व्यवस्था को सुदृढ़ करना प्रमुख है।
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