किसानों ने आरोप लगाया है कि जो बाते अपर आयुक्त आजमगढ़ के समक्ष तय हुई थी, उसका अनुपालन नहीं किया जा रहा है। अधिकारी जबरन औने पौने मूल्य पर जमीन हथियाना चाह रहे है। सीधे साधे किसानो में भय की स्थिति पैदा की जा रही है। कहा जा रहा है कि अगर जमीन रजिस्ट्री नहीं किए तो आप की जमीन अधिग्रहित कर ली जाएगी और पैसा के लिए लखनऊ जाना पड़ेगा, किंतु इससे किसान डरने वाले नहीं है।
यही कारण है कि अब तक 6609 किसानों में से मात्र 125 हेक्टयर ग्रीन एक्सप्रेस फील्ड के लिए जमीन खरीद करना था। जिसके सापेक्ष महज 56 किसानों ने 3.21 हेक्टेयर जमीन अब तक रजिस्ट्री किया है। जब तक न्याय नहीं होगा, हम लोग अपनी जमीन देने वाले नहीं हैं। अगर वास्तविक मूल्य नहीं मिला तो किसान एकजुट होकर आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।
इस संदर्भ में उप जिलाधिकारी बैरिया अत्रेय मिश्र ने किसानों को आश्वस्त किया है, कि उनके हितों की अनदेखी नहीं की जाएगी। लेकिन शासन से तय गाइडलाइन से अलग नहीं जाया जा सकता है। उन्होंने किसानों से सहयोग की अपील की है। इस अवसर पर किसान संघर्ष समिति बैरिया के अध्यक्ष अधिवक्ता धनंजय सिंह, रामकुमार चौबे, श्यामबिहारी पांडे, सुशील, राधेश्याम चौधरी, धरीक्षन चौरसिया, सुमेर कुंवर, बच्चा जी कुंवर, सत्येंद्र, सुरेश चंद्र सिंह, सुभाष चंद्र सिंह, रोहित चौबे, कमलेश सिंह आदि काफी संख्या में किसान रहे।
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