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DIOS कार्यालय बलिया से जुड़ी बड़ी खबर : विद्यालय प्रबंधक को मिली अग्रिम जमानत, ये है पूरा मामला


बलिया। जिला विद्यालय निरीक्षक बलिया कार्यालय के डिस्पैच पंजिका में कूट रचना और अभिलेख में छेड़छाड़ के आरोपी विश्वनाथ तिवारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नीरुपुर के प्रबंधक महेश प्रताप तिवारी को सशर्त अग्रिम जमानत मिल गई है। प्रकरण वर्ष 2020 का है। तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक भास्कर मिश्र ने थाना कोतवाली, बलिया में अपने कार्यालय के लिपिक शैलेंद्र कुमार चौबे तथा विद्यालय प्रबंधक महेश प्रताप तिवारी एवं प्रबंधक पुत्र रवि तिवारी पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया था। 

आरोप है कि डिस्पैच पंजिका में व्यापक स्तर पर कई स्थानों पर कटिंग एवं बदलाव किए गए हैं। विद्यालय प्रबंधक द्वारा न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 1, बलिया की अदालत में दाखिल किए गए अपने अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र में यह उल्लिखित किया था कि उनका नाम प्रथम सूचना रिपोर्ट में कहीं अंकित नहीं है। उनको जानबूझकर इस मामले में फंसाया गया है। चूकि विद्यालय प्रबंधक के पुत्र रवि तिवारी द्वारा तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक भास्कर मिश्र के विरुद्ध थाना कोतवाली, बलिया में आपराधिक मुकदमा शासकीय धन के गबन का पंजीकृत कराया गया था, जिससे क्षुब्ध होकर यह कार्रवाई तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक बलिया भास्कर मिश्र द्वारा की गई है। 

न्यायालय द्वारा प्रकरण का परीक्षण करने के बाद यह पाया कि विद्यालय प्रबंधक महेश प्रताप तिवारी नामजद अभियुक्त नहीं है। प्रकरण में न्यायालय द्वारा विद्यालय प्रबंधक महेश प्रताप तिवारी को अग्रिम जमानत पर छोड़े जाने के आधार पर्याप्त पाए गए, जिसके क्रम में विद्यालय प्रबंधक को अग्रिम जमानत आदेश पारित किया गया।आवेदक महेश प्रताप तिवारी ने धारा 419, 420, 465, 466, 467, 468, 471, 120 के मामले में एक लाख रुपये का निजी बन्धपत्र एवं समान धनराशि की दो जमानत दाखिल की है। न्यायालय ने आदेश में कहा है कि आवेदक विवेचना में अपेक्षित सहयोग करेंगे। प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से विवेचना को प्रभावित नहीं करेंगे। न्यायालय की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेंगे। आवश्यकतानुसार आहूत करने पर विवेचक एवं न्यायालय के समक्ष उपस्थित होंगे। 

विद्यालय प्रबंधक द्वारा स्थिति स्पष्ट करते हुए यह बताया गया कि विद्यालय में कूटरचित अभिलेखों के आधार पर कार्यरत शिक्षकों के अनियमित वेतन भुगतान में उनके स्तर से की जा रही कार्रवाई को रोकने तथा प्रकरण से ध्यान भटकाने के लिए विभाग द्वारा अपनी सुरक्षा से इस प्रकार की कार्रवाई की गई है, ताकि प्रकरण को दूसरी तरफ मोड़ा जा सके।

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