बलिया। सांसद आदर्श ग्राम ओझवलिया में हिन्दी साहित्य जगत् के मूर्धन्य विद्वान एवं कालजयी रचनाकार पद्मभूषण आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी की 116वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। प्रबुद्ध जनों ने आचार्य जी के चित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल ने पंडित जी को कुसुमांजलि अर्पित कर नमन किया। कहा कि हिन्दी साहित्य जगत के देदीप्यमान नक्षत्र एवं बलिया के गौरव आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी हिन्दी साहित्याकाश के चमकते सूर्य है, जिनके प्रकाश से समूचा हिंदी जगत् प्रकाशित है। उन्होंने हिंदी साहित्य एवं ज्योतिष में उल्लेखनीय योगदान दिया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें महामहिम राष्ट्रपति ने प्रथम पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया।
पंडित जी ने बीएचयू के एक मात्र रेक्टर पद को सुशोभित किया उनकी भव्य मूर्ति अगले तीन माह के अंदर पैतृक गांव ओझवलिया में स्थापित करायी जायेगी। विशिष्ट अतिथि पिपरा के प्रधान प्रतिनिधि अमित दुबे ने कहा कि साहित्य मार्तण्ड एवं स्वनामधन्य आचार्यप्रवर डॉ हजारी प्रसाद द्विवेदी हिंदी एवं ज्योतिष मर्मज्ञ थे। उनकी मुख्य रचनाएं सूर साहित्य, बाणभट्ट की आत्मकथा, कबीर, अशोक के फूल, हिन्दी साहित्य की भूमिका, हिन्दी साहित्य का आदिकाल, नाथ संप्रदाय, पृथ्वीराज रासो अद्वितीय है। वे महान मनीषी थे। उनका व्यक्तित्व एवं कृतित्व का कृति -पताका युगों युगों तक दिग-दिगान्तर तक लहराता रहेगा।
इस अवसर पर अनुभव सिंह, श्रीशचंद्र पाठक, सत्यनारायण गुप्ता, घनश्याम पाण्डेय, सोनू दुबे, नीरज उपाध्याय, सिंकु पाण्डेय, सतीश मिश्रा, धीरज मिश्रा, अक्षय कुमार, शेखर चौबे आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता पूर्व ग्राम प्रधान विनोद दुबे एवं संचालन आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी स्मारक समिति के प्रबंधक सुशील कुमार द्विवेदी ने किया।
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