बैरिया, बलिया। स्वतन्त्रता दिवस पर नागाजी सरस्वती विद्या मन्दिर भोजापुर बैरिया में विविध प्रकार का आयोजन किया गया। अनिल पाण्डेय की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नवल किशोर सिंह व विशिष्ठ अतिथि बैरिया खण्ड विस्तारक अविनाश मौजूद रहे। अतिथियों को अंगवस्त्र से समान्नित करते हुए उनका परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ राजेन्द्र पाण्डेय ने कराया।
उन्होंने बताया कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ प्रगतिशील भारत की आजादी के 75 साल और इसके लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल है। यह महोत्सव भारत के लोगों को समर्पित है, जिन्होंने भारत को अपनी विकासवादी यात्रा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मुख्य वक्ता नवल किशोर जी ने बताया कि भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय आह्वानों, उत्तेजनाओं एवम् प्रयत्नों से प्रेरित, भारतीय राजनैतिक संगठनों द्वारा संचालित अहिंसावादी आन्दोलन था। जिनका एक समान उद्देश्य अंग्रेजी शासन से भारतीय उपमहाद्वीप को मुक्त करना था। इस आन्दोलन का आरम्भ सन् 1857 के सिपाही विद्रोह से माना जा सकता है। उन्होंने बताया भारत की स्वतंत्रता के लिये अंग्रेजों के विरुद्ध आन्दोलन दो प्रकार का था, एक अहिंसक आन्दोलन एवं दूसरा सशस्त्र क्रान्तिकारी आन्दोलन। भारत की आज़ादी के लिए 1857 से 1947 के बीच जितने भी प्रयत्न हुए, उनमें स्वतंत्रता का सपना संजोये क्रान्तिकारियों और शहीदों की उपस्थित सबसे अधिक प्रेरणादायी सिद्ध हुई। वस्तुतः भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग है। भारत की धरती के जितनी भक्ति और मातृ-भावना उस युग में थी, उतनी कभी नहीं रही। मातृभूमि की सेवा और उसके लिए मर-मिटने की जो भावना उस समय थी, आज उसका नितान्त अभाव हो गया है।
स्वतंत्रता के इस अमृत महोत्सव पर विद्यालय के भैया बहनों ने हिन्दी भाषण, अंग्रेजी भाषण तथा संस्कृत में भाषण प्रस्तुत किया। बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिनमें सामूहिक नृत्य, शारिरिक प्रयोग में पिरामिड बना कर प्रदर्शित किया गया। वहीं विद्यालय के भैया बहनों ने सेल्फी लेने हेतु सुन्दर भारत का मानचित्र बना कर तथा उसे सजा कर तैयार किया। विद्यालय की सज्जा आचार्या बहन श्रीमती प्रीती कुशवाहा तथा श्रीमती रिंकू वर्मा जी ने कराया।आगंतुक का आभार प्रकट आचार्य चन्दन ठाकुर ने किया। संचालन आचार्य प्रिन्स सिंह ने किया।
शिवदयाल पांडेय मनन
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