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बलिया में जीयर स्वामी का चातुर्मास : गुरु के माध्यम से ही परम पिता परमेश्वर की प्राप्ति सम्भव

बलिया। गंगा नदी के पावन तट पर स्थित जनेश्वर मिश्र सेतु एप्रोच मार्ग के किनारे चातुर्मास व्रत कर रहे महान मनीषी संत श्री त्रिदंडी स्वामी जी के शिष्य लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने कहा कि गुरु का दर्शन सभी समस्याओं को समाप्त कर देता है। जिसके जीवन में सच्चे गुरु का दर्शन हो गया, उसका जीवन धन्य हो गया। क्योंकि कई जन्मों का जब पूण्य इकट्ठा होता है तो मनुष्य को सच्चे सतगुरु से साक्षात्कार होता है। गुरु के माध्यम से हीं ईश्वर की प्राप्ति होती है। वेदों में कहा गया है कि जितना सुख स्वर्ग में 1000 साल तक रहने से नहीं प्राप्त होता है, उससे ज्यादा सुख धरती पर एक पल का संत समागम से होता है। पूरे ब्रह्मांड में संत दर्शन का विशेष महत्व बताया गया है।

कहा कि गुरु अंधकार से निकालकर प्रकाश की ओर ले जाते हैं तथा अंत में ईश्वर का दर्शन कराते हैं। मनुष्य और ईश्वर के बीच में गुरु सीढ़ी का काम करते हैं। इन के माध्यम से परमपिता परमेश्वर तक पहुंचा जा सकता है। पुराणों में कहा गया है कि जिस वस्तु की प्राप्ति सात जन्मो तक संभव नहीं है वह सच्चे गुरु के दर्शन मात्र से, संत के दर्शन मात्र से तुरन्त प्राप्त हो जाती है। प्रत्येक व्यक्ति  का यह धर्म है कि अपने गुरु के बताए हुए मार्ग पर चलें। मार्ग से विमुख नहीं होना पड़े और इसके साथ अपने कर्म पर भी ध्यान देते रहना चाहिए, ताकि हम से कोई बुरा कर्म ना हो जाए। मनुष्य को अपने जीवन में गरिमा का विशेष महत्व रखना चाहिए। 

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर बलिया चतुर्मास्य यज्ञ स्थल पर भव्य तरीके से तैयारियां की जा रही है। बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश आदि जगहों से हजारों की संख्या में लोगों को जुटने की उम्मीद है। जिसके लिए यज्ञ समिति द्वारा प्रसाद के लिए व्यापक स्तर पर व्यवस्था की जा रही है। मीडिया प्रभारी अखिलेश बाबा ने बताया कि गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सुबह से शाम तक एक लाख से अधिक लोगों की आने की उम्मीद है। जिसके लिए यज्ञ समिति के कार्यकर्ता काफी संख्या में सेवा भाव में लगे हुए हैं। दूर-दूर से आने वाले अतिथियों के लिए रहने खाने के लिए उत्तम व्यवस्था की गई है। सारी व्यवस्था श्री अयोध्या नाथ स्वामी जी के देखरेख में किया जा रहा है।

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