बलिया। खंड शिक्षा अधिकारी बेरूआरबारी लोकेश मिश्रा अपनी ही निरीक्षण आख्या में फंस गये है। बीएसए शिवनारायण सिंह ने खंड शिक्षा अधिकारी से स्पष्टीकरण तलब किया है। वहीं, अनुपस्थित शिक्षक व शिक्षामित्रों से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही प्रकरण की जांच डीसी (एमडीएम) को सौंपते हुए बीएसए ने सम्बंधित विद्यालयों की एमडीएम पंजिका तथा छात्र उपस्थिति पंजिका का मिलान करके रिपोर्ट तलब किया है कि निरीक्षण तिथि से पहले तथा निरीक्षण के दिन कितने छात्रों को एमडीएम से लाभांवित दिखाया गया है। यदि लाभांवित छात्रों की संख्या में अंतर आता है तो इसके लिए कौन उत्तरदाई है। खंड शिक्षा अधिकारी बेरूआरबारी भी उक्त के सम्बंध में अपना स्पष्टीकरण दें।
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खंड शिक्षा अधिकारी बेरूआरबारी ने 20 अप्रैल को प्रावि पीरकपुर अपायल, प्रावि दत्तीवढ़, प्रावि असेगा, उप्रावि असेगा, प्रावि सेमरी तथा उप्रावि छितरौली का निरीक्षण किया था। इस दौरान प्रावि पीरकपुर अपायल में प्रधानाध्यापक शशिभूषण सिंह व शिक्षामित्र सबिता सिंह, प्रावि असेगा में सहायक अध्यापक अमित कुमार सिंह, शिक्षामित्र वृंदा सिंह व कृपाशंकर राम बिना सूचना अनुपस्थित पाये गये। हालांकि सहायक अध्यापक अमित कुमार सिंह 9.15 पर पहुंच गये। वहीं, प्रधानाध्यापक अभय नारायण साहनी शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते हुए शिक्षण कार्य कर रहे थे। यही नहीं, 100 के सापेक्ष 46 छात्र उपस्थित मिले, लेकिन एमडीएम पंजिका पर 09 अप्रैल 2022 से निरीक्षण तिथि तक अंकन नहीं था। यही नहीं, कही भी नामांकन के सापेक्ष 50 प्रतिशत बच्चे उपस्थित नहीं थे।
खंड शिक्षा अधिकारी बेरूआरबारी की निरीक्षण आख्या पर बीएसए ने आपत्ति जताई है, क्योंकि खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने निरीक्षण में स्कूल चलो अभियान के अंतर्गत नवीन प्रवेश के सम्बंध में उल्लेख नहीं किया गया है। निरीक्षण के समय सभी विद्यालयों में नामांकित छात्रों के सापेक्ष लगभग 50 प्रतिशत से कम छात्र संख्या होने के बावजूद खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा छात्र उपस्थिति कम होने के बावजूद जांच आख्या में उल्लेख न करना, नहीं उक्त के सम्बंध में प्रधानाध्यापकों को कोई निर्देश देना अत्यन्त ही खेदजनक है।
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