बलिया। शासन ने अधिशासी अधिकारी दिनेश विश्वकर्मा को राज्यपाल के आदेश पर भ्रष्टाचार के विभिन्न आरोपो में निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में दिनेश कुमार विश्वकर्मा को निदेशक, नगर निकाय निदेशालय उप्र लखनऊ के कार्यालय से सम्बद्ध किया गया है। अधिशासी अधिकारी के निलंबन से नगर पालिका कर्मियों में हड़कम्प मच गया है। ईओ दिनेश विश्वकर्मा के खिलाफ बहुत दिनों से भ्रष्टाचार की शिकायतें शासन तक पहुंच रही थी, लेकिन ईओ दिनेश विश्वकर्मा डटे हुए थे। अब उन पर गाज गिरी है।
यह है आदेश
दिनेश कुमार विश्वकर्मा, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद, बलिया द्वारा सक्षम स्तर से स्वीकृति लिये बिना हाईड्रोगारबेज टिपर की खरीद में रू0 6,48,274/- का अधिक भुगतान किये जाने, पी०पी०ई० सेफ्टी किट, ठेला (WHEEL BARROW) तथा ट्राईसाईकिल की खरीद हेतु सक्षम स्तर से वित्तीय स्वीकृतियाँ नहीं लिये जाने, क्रय किये गये सामान स्टॉक पंजिका में दर्ज नहीं किये जाने, वाहन स्टैण्ड की वसूली समय से जमा नहीं किये जाने एवं पीएफएमएस से किये गये भुगतानों सम्बन्धी पीपीए पर अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद, बलिया के हस्ताक्षर प्राप्त नहीं किये जाने सम्बन्धी गम्भीर वित्तीय अनियमितताओं के लिए, उनके विरूद्ध विभागीय जांच प्रस्तावित है तथा उन्हें उ0प्र0 पालिका (केन्द्रीयित) सेवा नियमावली, 1966 यथा संशोधित के नियम-37 सपठित उ0प्र0 सरकारी कर्मचारी (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1999 के नियम-4 (1) के अन्तर्गत एतद्द्वारा तात्कालिक प्रभाव से निलम्बित किया जाता है।
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निलम्बन अवधि में श्री दिनेश कुमार विश्वकर्मा, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद, बलिया को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-2, भाग-2 से 4 मूल नियम 53 प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्ध वेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि महंगाई भत्ता, यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है भी अनुमन्य होगा, किन्तु ऐसे अधिकारी को जीवन निर्वाह के साथ कोई महंगाई भत्ता देय नहीं होगा, जिन्हें निलम्बन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ मंहगाई भत्ता अथवा मंहगाई भत्ता का उपान्तिक समायोजन प्राप्त नहीं था, निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलम्बन की अवधि में इस शर्त पर देय होंगे, जब इसका समाधान हो जाए कि उनके द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिए उक्त प्रतिकर भक्ते अनुमन्य है। उपर्युक्त प्रस्तर-2 में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जाएगा जबकि श्री दिनेश कुमार विश्वकर्मा इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें कि यह किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार तथा वृत्ति व्यवसाय में नहीं लगे है।
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