बलिया। केंद्र व प्रदेश सरकार विकास कार्यों के नाम पर पैसा पानी की तरह बहा रही है, लेकिन भ्रष्टाचार की वजह से यह परवान नही चढ़ पा रहा। यह एक कड़वी सच्चाई है कि भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारी व कर्मचारी देश को दीमक की तरह खोखला कर रहे हैं। चिंता की बात यह है कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के तमाम उपायों के बावजूद इस पर रोक नहीं लग पा रहा है।
विकास कार्यों में गोलमाल का एक बड़ा मामला सिकन्दरपुर तहसील क्षेत्र में सामने आया है। दो सड़कों के निर्माण के नाम पर करीब 70 लाख आहरित करने के बाद भी इनका निर्माण दो साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया है। इससे जहां आमलोगों में नाराजगी है, वही लोगबाग सम्बंधित ठीकेदार और अवर अभियंता की जांच की मांग कर रहे हैं।
वर्ष 2019-20 में राज्य सड़क निधि से सिकंदरपुर क्षेत्र के बंशी बाजार (वन विभाग) तेंदुआ मार्ग से हुसेनपुर प्राथमिक विद्यालय होते हुए हरिजन बस्ती तक सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली। उस वक्त इस मार्ग से जुड़े चार दर्जन से अधिक गांवों के लोगों में आवागमन सुलभ होने की आस जगी थी। लेकिन विभागीय लापरवाही से यह उम्मीद परवान नहीं चढ़ सकी। लगभग 1.31 करोड़ की लागत से बनने वाली करीब दो किलोमीटर लंबी सड़क दो साल बाद भी नहीं बन पाई, जबकि प्रथम किश्त के रुप में ठीकेदार ने 45 लाख रुपये भी आहरित कर लिए। विभागीय सूचना के अनुसार पटरी निर्माण पर यह धनराशि खर्च कर दी गई है। वहीं धरातल पर मार्ग की स्थिति हकीकत बयां करने के लिए पर्याप्त है। घास-फूस से पटा यह मार्ग गोलमाल की कहानी कह रहा है।
उधर, पंदह ब्लॉक में भी ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है। पंदह से धनेजा जाने वाले एक किमी लंबे मार्ग के निर्माण के लिए भी 25 लाख रुपये आहरित कर लिया गया लेकिन दो साल बाद इस पर मिट्टी का एक टुकड़ा तक नही डाला गया है। इससे स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। लोगबाग गोलमाल के जिम्मेदारों की जांच कर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उधर अवर अभियंता शिवेन्द्र सिंह का कहना है कि टेक्निकल कारणों से काम रुका था जल्द ही दोनों कार्य पूरा करा दिए जाएंगे।
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