बलिया। चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के भोजपुरी भवन में एक दिवसीय योग प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। निदेशक शैक्षणिक डॉ पुष्पा मिश्रा ने बताया कि योग हमारी पुरानी संस्कृति व सभ्यता है। योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। महर्षि पतंजलि द्वारा रचित पुस्तक योग दर्शन के यम नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा ध्यान, समाधि के बारे में जानकारी दी।
असिस्टेंट प्रोफेसर योग एवं नेचुरोपैथी फैकेल्टी के डॉ, नीरज कुमार पाण्डेय ने ऊंकार का ध्यान कराया तथा बताया कि जो सूर्योदय नहीं देखता उसका भाग्योदय नहीं होता। आत्मा से परमात्मा को जोड़ना ही योग है। योग प्रशिक्षण कार्यशाला में उपस्थित एसोसिएट प्रोफेसर डॉ प्रियंका सिंह, डॉक्टर रंजीत पांडे, डॉ अमित सिंह, डॉ राघवेंद्र पांडे, डॉ लाल विजय सिंह, डा खुशबू दुबे, डॉ अपराजिता उपाध्याय सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
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