सुखपुरा, बलिया। संत यतीनाथ मंदिर सुखपुरा में चल रहे श्रीराम कथा के छठवें दिन भगवान की बाल लीला तथा उनके गुरु के घर जाकर विद्या ग्रहण करने की कथा कही गई। वर्तमान शिक्षा नीति और गुरुकुल शिक्षा नीति की व्याख्या करते हुए स्वामी राधारंग जी महाराज ने कहा कि जहां वैदिक गुरुकुल की शिक्षा नीति विद्यार्थियों को आज्ञाकारी बनाती थी, वही आज की शिक्षा नीति छात्रों को स्वेच्छाचारी बना रही है।
गुरुकुल शिक्षा पद्धति ज्ञान के साथ-साथ परम ज्ञान भी प्रदान करती थी। आज की शिक्षा नीति केवल कैसे अधिक से अधिक धन अर्जित किया जा सके इसी उद्देश्य तक सिमट कर रह गई है।यदि आप चाहते हैं कि आपके पुत्र भी श्रीराम की भांति धर्मवान, मर्यादावान, आज्ञाकारी और जगत को आनंद देने वाले बनें तो इसके लिए आपको पुनः वैदिक शिक्षा नीति को सम्मान देना होगा।
इसी क्रम में राम के बाल लीला का ऐसा सजीव वर्णन किया कि श्रोता भाव विभोर हो गए। "ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैजनिया" के गान पर भक्त विशेषकर महिलाओं की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े।इस मौके पर श्रीराम सहित चारों भाईयों के बाल लीला की झांकी भी प्रस्तुत की गई।अक्षय लाल सिंह, गणेश प्रसाद,अशोक पटेल, राजेन्द्र सिंह गंवार, बृजमोहन प्रसाद अनारी, धर्मेंद्र, अरुण कुमार, अतुल लाल आदि मौजूद रहे।संचालन बसंत सिंह ने किया।
उमेश कुमार सिंह
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