बलिया। सिकन्दरपुर तहसील क्षेत्र के लीलकर में निर्माणाधीन किसान कल्याण केंद्र का बारजा गुरुवार को उस समय टूट कर लटक गया, जब उसकी सेंट्रिंग खोली जा रही थी। गनीमत थी कि वह नीचे नहीं गिरा, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। उधर बारजा गिरने के बाद क्षेत्रीय लोगों ने कार्यदायी संस्था और नोडल अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाना शुरू कर दिया है।
बता दें कि सरकार द्वारा गांवों के किसानों को एक ही छत के नीचे सारी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए लीलकर में 80.14 लाख की लागत से किसान कल्याण केंद्र का निर्माण कराया जा रहा है। इसके निर्माण की जिम्मेदारी यूपीसीएनडीएस को सौंपी गई है। यह कार्य हर हाल में नवम्बर तक पूरा करने का आदेश है। निर्माणाधीन केंद्र के दो कमरों की ढलाई हो गई है,.जबकि पीछे का कार्य प्रगति पर है। एक सप्ताह पूर्व बने उक्त बारजे की सेंट्रिंग गुरुवार को खोली जा रही थी। उसी दरम्यान वह अचानक टूट कर लटक गया। यह देख मौके पर कार्य कर रहे मिस्त्री और मजदूर भाग खड़े हुए। इसकी सूचना सम्बंधित जेई हिमांशु राय को दी। आनन फानन में आगे के बारजे को सपोर्ट देकर खड़ा करने में जुट गए। इस बाबत कार्यदायी संस्था के जेई हिमांशु राय से बात की गयी तो बताया कि इसकी जानकारी नही है। निर्माण में ऐसी घटनाएं होती रहती हैं।
उधर, ग्रामीणों का कहना है कि इस केंद्र के निर्माण में घोर अनियमितता बरती जा रही है। न तो मानक के अनुसार सरिया लगाया जा रहा है, न ही उच्च क्वालिटी का सीमेंट ही प्रयोग किया जा रहा है। घटिया सीमेंट के साथ अनुपात से अधिक बालू मिलाने के कारण ही उक्त बारजा टूटा है।
सपा नेता गुरुज लाल राजभर का कहना है कि जिला कृषि अधिकारी विकेश पटेल इस कार्य के नोडल हैं। उनकी देखरेख में ही इसका कार्य चल रहा है। निर्माण के दौरान ही तीन फीट चौड़े और 10 फ़ीट लंबे बारजे का गिरना घोर लापरवाही और भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा है। उधर सीडीओ प्रवीण वर्मा ने बताया कि इसकी तकनीकी जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।
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