बैरिया, बलिया। मुरली छपरा व बैरिया विकास खंड के यूपी-बिहार सीमा पर बसे गांवों की चिकित्सा व्यवस्था बदहाल होने के कारण लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। यहां रोग प्रतिरोधक टीके व अन्य सरकारी परिवार कल्याण के कार्यक्रम भी प्रभावी तरीके से लागू नहीं हो पा रहे हैं।
बैरिया विकासखंड के शिवाल मठिया, गोपाल नगर, मानगढ़, वशिष्ठ नगर, नौरंगा, चौकी नौरंगा,भुआल छपरा, उदयी छपरा के डेरा, मुरली छपरा विकासखंड के टोला फतेह राय, बकुलहा नई बस्ती, इब्राहिमाबाद नौबरार, भवन टोला, भगवान टोला, खवासपुर, बाबू के डेरा, रामपुर कोड़रहा सहित ऐसे गांव की संख्या दर्जन भर से अधिक है, जहां आज भी जनता जनार्दन झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर है।
वहीं शासन द्वारा चलाये जाने वाले परिवार कल्याण कार्यक्रम व राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम का भी प्रभावी ढंग से कार्य नहीं चल पा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी ऊपर से नीचे की ओर अपनी जिम्मेदारियों का बोझ दूसरे पर डालकर अपने कर्तव्यों का इतिश्री समझ ले रहे हैं। इस संदर्भ में लोगों ने जिलाधिकारी से गुहार लगाते हुए का आग्रह किया है कि सीमावर्ती गांव में अलग से अभियान चलाकर राष्ट्रीय टीकाकरण व परिवार कल्याण कार्यक्रम प्रभावी ढंग से लागू कराने के साथ ही इन क्षेत्रों के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित करावें। इस संदर्भ में उप जिलाधिकारी बैरिया अभय कुमार सिंह ने बताया कि जल्द ही इस बाबत सीएमओ से बात कर सभी अस्पतालों पर चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने का प्रयास करूंगा।
शिवदयाल पांडेय 'मनन'
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