सर्दियों में खांसी, जुकाम और बुखार के अलावा हृदयघात, ब्रेन स्ट्रोक और अस्थमा के अटैक का खतरा बढ़ जाता है। शोध के मुताबिक सर्दियों में ठंड बढ़ने से हृदय रोगियों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
बरते ये सावधानियां
-नमक का सेवन कम करें। मक्खन व घी का प्रयोग भी सीमित मात्रा में करें
-इस मौसम में तरल पदार्थ लेते रहें। ठंडे पानी के बजाय गुनगुना पानी पिएं
-व्यायाम बेहद जरूरी है। पसीना नहीं निकलेगा तो दिल के दौरे का खतरा रहेगा (पसीना निकालने के लिए आप FIR heat Bed (far infra red ) का 40 से 50 मिनट इस्तेमाल करे व शरीर से पसीना निकाल सकते है।)
-प्रदूषणके कारण घर के अंदर व्यायाम करें।
-अधिक वसा युक्त चीजें और सिगरेट, शराब आदि का सेवन न करें।
-30% तक बढ़ा जाता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा।
-50% तक बढ़ता है दिल का दौरा पड़ने का खतरा।
हृदय रोगी ध्यान रखें
हृदय रोग से पीड़ितों को अधिक जोखिम रहता है। ठंड में शरीर गर्म होने के लिए अतिरिक्त कार्य तो करता है, लेकिन इस दौरान धमनियों में कोलेस्ट्राल जमने से इसके संकुचित होने की आशंका होती है।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
-अचानक शरीर के एक भाग में कमजोरी आना।
-मांसपेशियों का विकृत हो जाना।
-समझने या बोलने में मुश्किल होना।
-चलने में मुश्किल आना।
-अचानक सिरदर्द होना।
-हाथों का सुन्न हो जाना या लटक जाना।
बचाव
-नियमित रूप से व्यायाम करें।
-अपना भार औसत से अधिक न बढ़ने दें।
आचार्य डॉक्टर आरपी पांडे वैद्य जी
संस्थापक अनंत शिखर सेवा ट्रस्ट
सद्गुरु औषधालय साकेत पुरी
9670108000, 9455831300, 7007195100
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