बलिया। शहर से सटे गड़वार रोड पर स्थित शमा पब्लिक स्कूल के प्रांगण में बड़े हर्ष व उल्लास के साथ विश्व उर्दू दिवस मनाया गया। हाफिज इरशाद के तिलावत-ए-क़ुरआन व क़ारी अब्दुल हन्नान साहब के नातिया कलाम से जलसे का शुभारंभ हुआ। जलसे में बातौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित एसडीएम बांसडीह व अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी श्रीमती सीमा पांडेय ने उर्दू को प्रेम व मुहब्बत की भाषा बताया। उन्होंने राष्ट्रीय एकता का अमीन बताते हुए अपने बच्चों को हिंदी के साथ उर्दू पढ़ने की अपील भी की। डॉ. शकील अहमद ने विशेष रूप से बच्चियों को उर्दू तालीम देने के लिए उर्दू प्रेमियों को आह्वान किया। सिद्दिकिया इंटर कॉलेज कोटवारी के प्रधानाचार्य अबुल फजल साहब ने उर्दू के तरक़्क़ी में मदरसों के रोल पर बेहतरीन शोधपत्र प्रस्तुत किया। डॉ. मसूद साहब ने जंगे आज़ादी में उर्दू के रोल पर बहस करते हुए उसे इंक़लाबी ज़ुबान बताया। इस अवसर पर डॉ. एसएम सिद्दीकी, असलम बलियावी, जाकिर बलियावी व कुंवर सिंह इंटर कॉलेज के उपप्रधानाचार्य शशि प्रेम देव जी आदि ने अपनी शायरी व ग़ज़ल से लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया।
विशिष्ट अतिथि के रूप डॉ. जनार्दन राय ने हिंदी और उर्दू को सगी बहन बताते हुए बुज़ुर्गों की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए नौजवानों का आह्वान किया। जलसे को डॉ. हैदर अली खान, डॉ मज़हर आज़मी, नूरुल हुदा लारी, जावेद अख्तर, अटेवा मंच के जिलाध्यक्ष समीर पांडेय आदि ने संबोधित किया। वहीं पीजीटी में चयनित अबु ताल्हा व मु. आसिफ को सम्मानित कर दुआएं दी गयी। इस अवसर पर अब्दुल मोमिन, अक़ीलुर्रहमान खान, अब्दुल आखिर, शाहनवाज़ आलम, आसिफ अली, मेराज आलम, साहिल गोलू, ग्राम प्रधान परमन्दापुर जलालुद्दीन उर्फ़ जेडी, ग्राम प्रधान उमरगंज इसरार अहमद, शाहिद परवेज़, अल्ताफ अहमद, इसरार अहमद, के अतिरिक्त बड़ी संख्या में उर्दू अध्यापक व उर्दू प्रेमियों ने प्रतिभाग किया। जलसे की सदारत डॉ अब्दुल अव्वल व सदारत नूरुल हुदा लारी ने किया।
0 Comments