बैरिया, बलिया। स्वास्थ्य विभाग के लाख प्रयास के बावजूद तपेदिक पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। बैरिया तहसील क्षेत्र में अभी भी लगभग 400 रोगियों का उपचार चल रहा है। दवाई व पौष्टिक आहार भत्ता की व्यवस्था के बावजूद अधिकतर पीड़ित अंजान है।
उल्लेखनीय है तपेदिक से पीड़ित रोगियों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा नि:शुल्क उपचार के साथ-साथ इलाज अवधि में ₹3000 पौष्टिक आहार भत्ता भी देने की व्यवस्था है। यह पैसा प्रतिमाह ₹500 के हिसाब से 6 महीने तक दिया जाता है, किंतु बजट के अभाव में अक्सर भुगतान में विलंब हो जाता है। इसके चलते कभी 1000 तो कभी 1500 रुपए ही रोगियों के खाते में भेजा जाता है। तपेदिक विभाग में काम करने वाले चिकित्सा कर्मियों की मानें तो तपेदिक रोगियों की तीन श्रेणी है। पहला सामान्य, दूसरा संवेदनशील और तीसरा अतिसंवेदनशील श्रेणी। सामान्य श्रेणी के लोगों के इलाज में 9 महीने तक होता है, जिसमें 90 फ़ीसदी लोग पूरी तरह से स्वस्थ हो जाते हैं। वहीं, संवेदनशील श्रेणी के 80% से अधिक लोग स्वस्थ नहीं हो पाते। अतिसंवेदनशील श्रेणी के 40% लोग ही स्वस्थ हो पाते हैं। ऐसे में रोगियों की सुरक्षा उन्हीं के ऊपर निर्भर है। अगर अधिक दिनों तक बुखार रहता हो, खांसी रहती हो तो ऐसे लोगों को तत्काल अपनी जांच करानी चाहिए। इस संदर्भ में सोनबरसा के अधीक्षक डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव से पूछने पर बताया कि पूरा आंकड़ा तो तपेदिक विभाग बलिया से मिलेगा, किंतु मेरे अधिकतम जानकारी में इस क्षेत्र में 400 तपेदिक रोगी पंजीकृत हैं। स्वास्थ्य विभाग उनका इलाज करा रहा है। इनमें से कुछ लोग पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं। पिछले 3 महीने से रोगियों के खाते में पौष्टिक आहार भत्ता नहीं भेजा गया था। उनके खाते में पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग ₹1000 का पौष्टिक आहार भत्ता भेज दिया है। अधीक्षक ने लोगों से आग्रह किया है कि थोड़ी सी भी परेशानी होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनबरसा को सूचित करें। हर तरह के इलाज की नि:शुल्क व्यवस्था है।
शिवदयाल पांडेय 'मनन'
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