बैरिया, बलिया। योगी सरकार में भी स्वास्थ्य विभाग में बड़ा खेल चल रहा है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की मनमानी व लाल- फीताशाही के चलते स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कार्यक्रम अस्त-व्यस्त हो चुका है। यहां स्वीकृत पद के सापेक्ष स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती काफी कम है, जबकि इसके उलट बलिया के पश्चिमी क्षेत्र में स्वीकृत पद से काफी अधिक स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती है, जो क्षेत्र में चर्चा बना हुआ है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मुरलीछपरा में एएनएम का 19 पद स्वीकृत है, जबकि तैनाती 10 की है। नौ पद खाली है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बैरिया (कोटवां) में 23 के सापेक्ष 14 एएनएम की तैनाती है। नौ पद इस स्वास्थ्य केन्द्र पर भी खाली है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बेलहरी में 19 के सापेक्ष 12 एएनएम तैनाती है। 07 पद खाली है।प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रेवती में 20 एएनएम का पद स्वीकृत है, जबकि 12 की तैनाती है। 08 पद खाली है। ठीक इसके विपरीत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रसड़ा में एएनएम के 24 पद स्वीकृत है, जबकि 45 एएनएम तैनात है। यानी स्वीकृत पदों से 21 अधिक।प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सीयर में एएनएम के 32 पद स्वीकृत है, जबकि तैनाती 44 एएनएम की ती है। यानी स्वीकृत पद से 12 अधिक। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नावानगर में 22 एएनएम का पद स्वीकृत है, जबकि 32 तैनाती है। यानी स्वीकृत पद से 10 अधिक।प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नगरा में 35 एएनएम के सापेक्ष 40 तैनात है। वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मनियर में 19 पद स्वीकृत है, जबकि 28 तैनाती है। यानी नौ अधिक। ऐसा क्यों है? यह जानने के लिए कई बार सीएमओ कार्यालय में फ़ोन कर संपर्क साधने का प्रयास किया गया, किन्तु प्रभारी सीएमओ ने फोन नहीं उठाया। एक स्वास्थ्य कर्मी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जहां जहां स्वीकृत पदों से अधिक एएनएम की तैनाती है, वहां की कई एएनएम घर बैठे वेतन लेती है। उनमें अधिकतर रसूखदार परिवारों से है। इस बाबत मुरलीछपरा के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डाक्टर देवनीति सिंह ने पूछने पर बताया कि मेरे यहां एएनएम के 10 पद खाली है। बाकी जगहों के विषय में मैं नहीं बता सकता। यहां मानक के अनुसार तैनाती के लिए अधिकारियों को पत्र लिखा हूं।
शिवदयाल पांडेय 'मनन'
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