गोरखपुर। बीएसए ने तीन शिक्षकों की सेवा नियुक्ति तिथि से समाप्त कर दी है। ये तीनों फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे थे। अब इनके खिलाफ मुकदमा व वेतन की रिकवरी की तैयारी में विभाग जुटा है। इन तीनों में एक शिक्षक ऐसा है, जो बलिया में तैनात शिक्षक के Certificate पर कूटरचित प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहा था।
कैम्पियरगंज के प्रावि में शिवबचन सिंह की नियुक्ति 15 जुलाई 1996 को बतौर प्रधानाचार्य के रूप में हुई थी। नियुक्ति पत्र पर इनका पता रतसड़, बलिया, उप्र है। इस बीच, प्रदेश में 192 मामले ऐसे मिले, जो एक ही पैन कार्ड पर नौकरी कर रहे थे। इसमें बलिया और गोरखपुर में शिक्षक शिवबचन सिंह का भी नाम था। इस पर बलिया में तैनात शिक्षक शिवबचन सिंह ने इसकी शिकायत की। शिकायतकर्ता ने गोरखपुर में तैनात शिवबचन सिंह का असली नाम ददन यादव बताकर शिकायत किया। जांच में सभी तथ्य सही मिला। इसी तरह वंदना पांडेय पुत्री नरेंद्र पांडेय पत्नी रमेश मिश्रा की नियुक्ति 2011 में सिद्धार्थनगर में हुई थी। 2016 में अंतरजनपदीय तबादले में वंदना की तैनाती जंगल कौड़िया के प्राथमिक स्कूल में हुई। जांच में पाया गया कि वंदना दूसरे के नाम का अंकपत्र बनाकर पता छिपाते हुए नौकरी हासिल की है। वही, 6 फरवरी 2010 को संतोष कुमार की तैनाती ब्रह्मपुर स्थित प्राथमिक स्कूल में हुई। जांच में पता चला कि संतोष की जाति गुप्ता है, जबकि नियुक्ति अनुसूचित जाति कोटे से हुई है।
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