हिंदी भारत मां का गहना
इसकी महिमा में क्या कहना
उठो जागो युवा पीढ़ियों
अब इसका अपमान न सहना
संस्कृत से उपजी है हिंदी
उर्दू के साथ रहना
इसीलिए तो हिंदी है अपनी
भारत मां का गहना
हिंदी में ही है तुलसी, कबीर, रहीम के दोहों की मस्ती
और किसी भाषा में नहीं है इनके जैसी हस्ती
सभी भारतीयों की हिंदी भाषा है पहचान
इसीलिए माना जाता है हमें पूरे विश्व में महान
जब पहली बार हमने मां बोला तो वह भी था हिंदी में
और जब पहली बार मां ने स्नेह दिया तो वह भी था हिंदी में
हाय हाय हिंदी दुर्दशा अब न देखी जाए
कैसे हो इसका उत्थान चलो सब मिल करें उपाय
प्रण लें कि अब हम सबमें एक अलख जगायेंगे विश्व गगन पर अंकित राष्ट्रभाषा हिंदी को कराएंगे
आदित्य यादव
अध्यापक
प्रावि दिगर बिजलीपुर, बांसडीह, बलिया
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