लखनऊ। पश्चिम बंगाल के बालुरघाट में रैली की इजाजत न मिलने के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फोन पर ही अपना संबोधन दिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए सीएम योगी ने कहा कि उन्हें रैली की इजाजत नहीं दी गई, इसलिए पीएम नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के जरिए आना पड़ा। योगी आदित्यनाथ ने ममता बनर्जी सरकार और तृणमूल कांग्रेस को लोकतंत्र विरोधी बताया और लोगों से सरकार के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया।
यूपी सीएम ने कहा, ‘जनता विरोधी, जनतंत्र विरोधी, अराजकता को बढ़ावा देने वाली और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले तत्वों को बढ़ावा देने वाली सरकार बीजेपी से घबरा गई है। इसीलिए पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की रथ यात्रा को रोका और अब मुझे रोक रहे हैं। लोकतंत्र में आपसी मतभेद हो सकते हैं लेकिन आवाज को कैसे दबाया जाता है और कैसे सरेआम चुनाव लड़ने वाले विरोधी दल के कार्यकर्ताओं को कैसे बंधक बनाया जाता है, निर्मम हत्या की जाती है, यह तांडव टीएमसी सरकार में पश्चिम बंगाल में लगातार दिख रहा है।’
कहा कि बंगाल में जो चल रहा है, उसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे के कार्यक्रमों में शामिल होने का वादा भी किया और साथ ही टीएमसी सरकार के खिलाफ सड़कों पर लड़ाई बढ़ाने का वादा किया। उन्होंने शारदीय नवरात्र में दुर्गा मां की पूजा को रोकने का आरोप लगाते हुए कहा कि कोलकाता हाई कोर्ट को भी सरकार को कठघरे में खड़ा करना पड़ा, क्योंकि सरकार जनभावनाओं का निरादर कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार जनभावनओं को दबा रही है। राज्य का प्रशासनिक तबका टीएमसी के कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहा है।
कहा कि ‘जिस मजबूती के साथ बंगाल के कार्यकर्ताओं ने टीएमसी के गुंडों का मुकाबला किया, उसके लिए आपका अभिनंदन करता हूं। बंगाल में बीजेपी सरकार आएगी। ममता और टीएमसी गलतफहमी के शिकार हैं। यह न भूलें कि बीजेपी 16 राज्यों में शासन कर रही है।’
